Bangladeshi Hindus
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है. अब तक हजारों हिंदुओं की जान जा चूकी है. हिंदू अपनी जान बचाने के लिए भारत की ओर रूख करने लगे है. करीब हजारों की भीड़ ने बांग्लादेश-भारत की सीमा पर खड़े हो गए. भारत में पनाह लेने के नारे लगाने लगे. सीमा पार करने की जद्दोजहत कोशिश की लेकिन भारतीय़ जवान ने उन्हें बॉर्डर पार करने से रोक लिया.
बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत बद से बदतर हो गई है. अल्पसंख्यक हिंदुओं के पास कोई विकल्प नहीं बचा. 90 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाला यह देश में आए दिन हिंदूओं पर हमला होता आया है. लेकिन इस बार का हमला इतना भयावक रहा कि कोई सोचा नहीं था. हिंदू मंदिरों और देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ा गया. मंदिरों में मौजूद आभूषणों और समानों को लूट लिया गया. यहीं नहीं बल्कि हिंदू महिलाओं पर घोर अत्याचार किया गया. लड़कियों के साथ रेप किया गया. हिंदू को जिंदा जलाया गया.
बांग्लादेशी हिंदूओं पर हो रहे हमले का कारण क्या है.
बांग्लादेश में अवामी लीग पार्टी यानि शेख हसीना की सरकार थी. जॉब कोटा (आरक्षण) में बदलाव के कारण छात्रों ने प्रदर्शन किया. छात्रों का यह प्रदर्शन धीरे धीरे काफी बड़ा रूप ले लिया. कई छात्रों की मौत के साथ यह प्रदर्शन हिंसक में तबदील हो गया. कुछ ही दिनों में शेख हसीना की सरकार गिर गई. इसी दौरान खबर आती है कि शेख हसीना बांग्लादेश से भाग गई है. जिसके बाद यह प्रदर्शन धार्मिक होना शुरू हो जाता है. जिस आंदोलन में हिंदू अल्पसंख्यक भी सहयोग कर रहे थे. उसमें मौजूद मुस्लिम छात्र ने उनपर हमला करना शुरू कर देते है. यानि सरकार से अपनी मांग के लिए प्रदर्शन करने वाला भीड़ अल्पसंख्यकों के लिए जान का खतरा बन जाती है.
165.15 मिलियन लोगों वाला इस देश में मात्र 13.1 मिलियन लोग हिंदू है. यानि पूरे आबादी का 7.9 प्रतिशत जबकि 90 प्रतिशत से अधिक इस्लाम धर्म मानने वाले लोग रहते है. और बाकी बचे लोग दूसरे धर्म को मानते है. लेकिन अल्पसंख्यक होने के बावजूद यह देश हिंदू आबादी में तीसरे नंबर पर आता है. बांग्लादेश में ऐसी कोई जिला हिंदू बहुल जिला नहीं है. जब यह देश आजाद हुआ था तब इस देश में लगभग 14 प्रतिशत हिंदू थे.
बांग्लादेश में कितनी बार हिंदूओं पर हमला हुआ
मुस्लिम बहुल संख्या वाले इस देश में 2013 से लेकर 2021 के बीच हिंदू समुदाय पर करीब 3700 बार हमला किया गया. इसमें तोड़फोड़, आगजनी के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाकर की गई हिंसा शामिल है. इसपर मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि बांग्लादेश में पिछले कई सालों से अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार हमले हो रहे है. लूटपाट, सांप्रदायिक हिंसा, हत्या और अल्पसंख्यकों घरों-पूजास्थलों को नुकसान पहुंचाया जाता रहा है. देश इन सबको रोकने और अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहा है.
हिंदुओं को क्यों बनाया जाता है निशाना ?
ऐसा कहा जाता है कि बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी जो शेख हसीना की पार्टी है. उस पार्टी को हिंदू अल्पसंख्यक सपोर्ट करते है. यही वजह है कि आय दिन विरोधियों की ओर से हमले की खबर आते रहती है. शेख हसीना सभी समुदाय को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती थी. देश छोड़कर जाने के बाद सोशल मीडिया अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति और मंदिरों पर हमले की खबरें सामने आई.